इं इं इं चित्स्वरूपं सकलदिशयशं रामदूतं नमामि ॥ ३॥ हं हं हं अट्टहासं सुरवरनिलयं ऊर्ध्वरोमं करालं ओम गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत https://vashikaran07395.win-blog.com/12872525/helping-the-others-realize-the-advantages-of-hanuman-shabar-mantra